खुद ला बड़े कहे मा,
कोनो बड़े होय नहीं,
उही बड़े होथे जेला
बड़े कहे लोग हा।
अभिमानी मनखे ला,
कोनों हर भाय नहीं,
फोकट बढ़ाई मारे ,
बाढ़ जाथे रोग हा।
पर के जे हक मारे,
लूट लूट धन जोरे,
महल अटारी ताने,
बिरथा हे भोग हा।
मनखे के हलाये ले,
एक पान हाले नहीं,
प्रभु के बनाए ले ही ,
होथे जी संजोग हा।