🙏🏼 बबा गुरु घासीदास जी के चरण म मोर दोहा 🙏🏼
जात पात मानय नहीं ,सत के महिमा गाय।
पावन जेखर आचरण, वो सतनामी आय।1।
नशापान अब बंद कर , मांसाहार ल त्याग।
ज्ञान गुरु के हे इही , सतनामी तँय जाग।2।
मनखे आघू झन नवव, करव सिरिफ सम्मान।
जात पात ला त्याग के, सत बर दे दव जान।3।
अमरौतिन के लाल तँय ,मँहगू के संतान ।
जनम धरे सतकाज बर, बाँटे सत के ज्ञान।4।
जैतखाम सत बर खड़े,धजा स्वेत लहराय।
गिरौदपुर के धाम हर , सत के जस बगराय।5।
कपट करे मा साधना, अउ लालच मा त्याग।
भोग करे महिमा घटय ,मोह मया बैराग ।6।
सत बर देथे प्रान ला , तप बर त्यागे भोग।
साधक बाबा के सरल, जिनगी उंखरे जोग ।7।
चमत्कार तो ज्ञान हे, दिये गुरु बगराय।
ठगनी जग ठगता फिरय, निज स्वार्थ बिलमाय । 8।
🙏🏼
मथुरा प्रसाद वर्मा ' प्रसाद'
10 टिप्पणियां:
Bahut hi sundar guru ji ...
Jai satnaam 🙏🙏🙏
Bahut hi achha jai satnaam 🙏🙏🙏
Jai satnam bhaiya ,,apke rachana bahut hi sunder hai
Bhahut hi Sundar Dil ko chhu liya 🙏🏻🙏🏻Jai Jai Satnam
Bahut sundar
बहुत बहुत धन्यवाद
धन्यवाद।
जय सतनाम भैया
बहुसहायक होइस मोर बर
बेहतरीन से भी बेहतरीन प्रदर्शन मथुरा
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