ए मनटोरा
आ जाबे मोर घर
तोर अगोरा
रात पहागे
काबर मोर घर
घुप अंधेरा ।
गरू हो जाथे
बाढ़े बेटी घलो हा
मुड़ के बोझा ।
चुनाव आगे
घर घर पउवा
रोज बटाही
का मजबुरी
विधायक बनगे
रेमटी टुरी ।
ग्राम सुराज
जुरमिल मसक
काय के लाज ।
ग्राम सुराज
सरपंच के दारू
कुकरा आज ।
तोर नाव के
हाथ मा गोदना हे
मन मा मया ।
दिया बुझागे
गरीब के घर मा
तेल सिरागे ।
पढ़ डारेस
अब सड़क नाप
मिलगे ठेका ।
मोर दुवारी
संसद होगे कर
चुगली चारी ।
शिक्षित माने
अब कोनो काकरो
काबर माने ।
नवा जमाना
पेट के भितर ले
जम्मो सियाना ।