जिनगी सरहा पताल होगे।
तोर मया जी के जंजाल होगे।
छुटगे जम्मो सँगी-सँगवारी ,
घर मा घलो बारा हाल होगे।
नइ बाँचव मँय हा हाय ददा ।
ये बोकरा फोकट हलाल होगे।
उत्ती बुड़ती रात-दिन तोर सुरता
हिरदे मा ये का भूचाल होगे।
जबरन मँय देखेव तोर सपना
गाँव भर मा फोकट बवाल होगे।
जेन दिन बिहिनियां तोला देखव
मोर बर उही नावाँ साल होगे।
मोर बर उही नावाँ साल होगे।
'प्रसाद' उही मालामाल होगे।