छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया, दुनियाँ ला ये बताना हे ।
आधा पेट खा के रे संगी, जाँगर टोर कमाना हे ।
आधा पेट खा के रे संगी, जाँगर टोर कमाना हे ।
सोना-चाँदी, हीरा-मोती, इहाँ के धुर्रा माटी हे !
तभो ले शोषित दलित गरीबहा, छत्तीसगढ़ के वासी हे ।
रतिहा पहागे अब तो संगी .. नवा बिहनिया लाना हे ।
आधा पेट .....................
तभो ले शोषित दलित गरीबहा, छत्तीसगढ़ के वासी हे ।
रतिहा पहागे अब तो संगी .. नवा बिहनिया लाना हे ।
आधा पेट .....................
खेत हमर कागद हे अऊ, कलम हमर बर नाँगर हे ।
हरियर-हरियर धान हमर करम के उज्जर आखर हे ।
कौनो रहय अब अनपढ़ झन, पढ़ना अऊ पढ़ाना हे ।
आधा पेट ..........................
हरियर-हरियर धान हमर करम के उज्जर आखर हे ।
कौनो रहय अब अनपढ़ झन, पढ़ना अऊ पढ़ाना हे ।
आधा पेट ..........................
जागे-जागे रहना हे सँगी करना हे देश के रखवारी ।
बन रखवार करत हे बैरी मन हा घर घर मा चोरी ।
बेंच दिही लालच मा आ के , इंखर का ठिकाना हे ।
घर मा लुकाये चोर मन ले मोर छत्तीसगढ़ ला बचाना हे।
बन रखवार करत हे बैरी मन हा घर घर मा चोरी ।
बेंच दिही लालच मा आ के , इंखर का ठिकाना हे ।
घर मा लुकाये चोर मन ले मोर छत्तीसगढ़ ला बचाना हे।
मथुरा प्रसाद वर्मा