बीवी तो कहती है अक्सर,
रोज कमा के लाया कर।
और पिताजी दे कर घुड़की,
कहते रोज नहाया कर।
कहने को सब क्या क्या कहते,
जब मिलती माँ कहती है,
कितना काम करेगा बेटा,
समय पे खाना खाया कर।
कितना पाबन्दी है मुझ पर
इधर उधर मत जाया कर।
जिधर भी जाये सबसे पहले
मुझको रोज बताया कर।
मां है तो है टोकाटाकी,
माँ के बाद जमाने मे,
कौन कहेगा दुबला हो गया,
खाना वाना खाया कर।
टूट गया हूँ अब लगता है,
सोंच सोंच दुखता है सर।
इस दुनियां के भाग दौड़ में,
कब तक भागूं मैं मर मर।
ताना दे दे सब कहते है,
मैं भी हुआ नकारा हूँ,
बाबूजी होते तो कहते,
बेटा खुद पे भरोसा कर।
रण है ये दुनियादारी भी,
कब तक किसे पुकारेगा।
अपने ही साहस के बल पर
नैया पार उतारेगा।
भले थका है लड़ते लड़ते,
ये बाजी तू मारेगा।
बाबूजी होते तो कहते,
बेटा तू नइ हारेगा।