तै आये कहाँ तोला जाना कहाँ हे।
ये दुनियां रहे के ठिकाना कहाँ हे।
दु पइसा कमा देवता बन जथे सब,
इहाँ आदमी अब बता ना कहाँ हे।
अपन जेन होथे पिरा ला समझथे,
पिरोहिल करा दुख जताना कहाँ हे।
मनौनी जे खोजे फुलाये हे मुँह ला,
बता पूछ के ओला आना कहाँ हे।
बिकट तोल के चाल चलथे जमाना,
कहाँ रोना हे मुस्कुराना कहाँ हे।
चिरैया चलो छोड़ के गाँव घर ला,
इहाँ पेट बर चार दाना कहाँ हे।
महुँ बेच दौ भूख ईमानदारी
मिलै पेज पसिया, बियाना कहाँ हे।
सड़क मा गरु अउ बियारा मा पैरा,
कका तोर गोठान ला ना कहाँ हे।
बने रोज "परसाद" कहिथे कहानी ,
मगर कोन सुनथे सुनाना कहाँ हे।