मनखे अभिमानी, माँग न पानी, भले भूख मा, पेट जरे।
लाँघन रही रही के, भूख सही के, रोज कमा के, गुजर करे।।
तँय बनके भोला, फैला झोला, जीभ लमावत, कहाँ चले।
दूसर के थारी , झाँक दुवारी, माँग खाय ले, मौत भले।1।
लाँघन रही रही के, भूख सही के, रोज कमा के, गुजर करे।।
तँय बनके भोला, फैला झोला, जीभ लमावत, कहाँ चले।
दूसर के थारी , झाँक दुवारी, माँग खाय ले, मौत भले।1।
मुँह के मारे ले, दुत्कारे ले, उही आदमी, पॉव परै।
जे लाज सरम ला, बेंच धरम ला, माथ नवाँ के, गोड़ धरै।।
चिक्कन खा खा के, बड़ इतराके , खाय तभो ना, पेट भरे।
जेखर लालच मा, जीभ ह सच मा, लार बोहावय, धार धरे।2।
जे लाज सरम ला, बेंच धरम ला, माथ नवाँ के, गोड़ धरै।।
चिक्कन खा खा के, बड़ इतराके , खाय तभो ना, पेट भरे।
जेखर लालच मा, जीभ ह सच मा, लार बोहावय, धार धरे।2।
का करे सियानी, तँय मनमानी, रोज रचाये, खेल इहाँ।
स्वारथ बर मरथे, कोनो करथे, लोक भलाई, काम कहाँ।।
सुनता अब टुटगे,ममता छुटगे, लोग लड़त हे, रोज तने।
घर अपने भर के, शोषण करके, महल बनाए, लोग बने।3।
स्वारथ बर मरथे, कोनो करथे, लोक भलाई, काम कहाँ।।
सुनता अब टुटगे,ममता छुटगे, लोग लड़त हे, रोज तने।
घर अपने भर के, शोषण करके, महल बनाए, लोग बने।3।
तँय पडकी मैंना, लूटत चैना, फुदकत रहिथस, गाँव गली।
मन ला तरसा के, मोह लगा के, कोन गली मा , जाय चली।।
हम गोबर चोता, नागर जोता, प्यार मुहब्बत, काय करन।
जेखर धर हाथे, ओखर साथे, जियत मरत तक, साथ रहन।4।
मन ला तरसा के, मोह लगा के, कोन गली मा , जाय चली।।
हम गोबर चोता, नागर जोता, प्यार मुहब्बत, काय करन।
जेखर धर हाथे, ओखर साथे, जियत मरत तक, साथ रहन।4।