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कोलिहा लवन , बलौदाबजार, छत्तीसगढ, India
नाम- मथुरा प्रसाद वर्मा पिता- स्व. जती राम वर्मा माता- श्रीमती पितरबाई वर्मा जन्मतिथि- 22-06-1976 जन्मस्थान - ग्राम -कोलिहा, जिला-बलौदाबाजार (छ ग ) कार्य - शिक्षक शा पु मा शाला लहोद, जिला बलौदाबाजार भाटापारा शिक्षा - एम् ए ( हिंदी साहित्य, संस्कृत) डी एड लेखन- कविता, गीत, कहानी,लेख,

चौपई : कोरोना

सुन लव भाई सुनव मितान मोर गोठ ला दे के ध्यान।
हे संकट मा सबके जानआज मोर तँय कहना मान।

वाइरस एक कोरोना नाँव फैलत हवे  सहर अउ गाँव।
डर के मारे काँपय लोग। बन्द होत हे सब उद्योग।

सोसल मिडिया करे बखानरोग ह भारी लेवय प्रान।
दुनियाँ भर हावे परशान खोजे मा नइ पाय निदान।

हमर परोसी चीन ह ताय। जेन जीव ला कच्चा खाय।
सांप बिछी तक चट कर जाय इही रोग के कारन आय।

सुन के कोरोना के नाम आज जगत हर काँपय राम।
फैलावत कतको अफवाह। सुन लेवव बांचे के राह।

जर बुखार अउ खासी छींक। मुड़ पीरा नइ होवय ठीक।
साँस लेत मा लागे जोर। निमोनिया कस लक्षण तोर।

फेर डरे के नइ हे बात डर हर करथे जादा घात।
हिम्मत राखव मन मा जोर । इही ह प्रान बचाही तोर।

कोरोना के का उपचार। मार मचे हे हाहाकार।
दवा नही कोनो हर पाय सावधानी हर एक उपाय।

भीड़ भाड़ मा तुम मत जाव घर म रही के समय बिताव।
शाकाहारी खाना खाव। स्वच्छता ला तुम अपनाव ।

नही हवा मा फैलय रोग। वाइरस ल फैलाथे लोग।
हलो हाय के चलन ल छोड़। राम राम कर हाथ ल जोड ।

जाड़ नमी मा  ये हा भोगाय गर्मी म वाइरस मर जाय।
तेखर ले झन ठंडा खावजाड़ा लगे उँहा झन जाव।

जेला सर्दी खासी आय छिक छिक के जी घबराय।
अपने हर झन करय उपाय अस्पताल तुरते ले जाय।

बार बार जे हाथ ल धोय साबुन लगा लगा के कोय।
साफ रहे नइ खतरा होय इही उपाय ला राख सँजोय।

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