मेरे बारे में

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कोलिहा लवन , बलौदाबजार, छत्तीसगढ, India
नाम- मथुरा प्रसाद वर्मा पिता- स्व. जती राम वर्मा माता- श्रीमती पितरबाई वर्मा जन्मतिथि- 22-06-1976 जन्मस्थान - ग्राम -कोलिहा, जिला-बलौदाबाजार (छ ग ) कार्य - शिक्षक शा पु मा शाला लहोद, जिला बलौदाबाजार भाटापारा शिक्षा - एम् ए ( हिंदी साहित्य, संस्कृत) डी एड लेखन- कविता, गीत, कहानी,लेख,

ताटंक छंद गीत


16, 14 अंत मा तीन गुरु

मोर मयारु मया भूलागे, मोला नइ पहिचाने रे।
मोर मया ला काँदी कचरा, माटी पथरा जाने रे।


हिरदय के धड़के ले संगी ,  सुरता तोरे आथे रे।
जब जब लेथँव साँस मोंगरा, के जइसे ममहाथे रे।
तोरे खातिर मँय बइहा बन, गली गली गाथँव गाना।
गाँव गाँव मँय नाँचत  फिरथँव, पहिरे जोगी कस बाना।

रतिहा भर सपनाथँव तोला, गवाँगे बिहाने रे।

तोर नशा मा झूमत रहिथँव, का मोहनी खवाए रे।
रद्दा देखँव तोर रात दिन, फेर नहीं तँय आए रे।
हाँसस बोलस पहिली कइसे, अब का हो गे हे तोला।
कोन जनी का गलती हो गे, काबर बिसरी दे मोला।

अपन बना के काबर गोरी, मोला कर दे आने रे।

ये दुनियाँ तो मया करइया मनखे बर खनही खाँचा।
काबर तँय हा डर्राखस वो, मोर मया हर हे साँचा।
मोर कलपना जाय न बिरथा तहूँ समझबे रानी रे।
पथरा कस हिरदय पिघलाही, मोर नैना के पानी रे।

सुधबुध मोर भुलागे बइरी, तँय कइसे मनमाने रे।  



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