मथुरा प्रसाद वर्मा एक क्रियाशील शिक्षक है साथ ही एक कवि और साहित्यकार है . छत्तीसगढ़ी भाषा साहित्य के

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कोलिहा लवन , बलौदाबजार, छत्तीसगढ, India
नाम- मथुरा प्रसाद वर्मा पिता- स्व. जती राम वर्मा माता- श्रीमती पितरबाई वर्मा जन्मतिथि- 22-06-1976 जन्मस्थान - ग्राम -कोलिहा, जिला-बलौदाबाजार (छ ग ) कार्य - शिक्षक शा पु मा शाला लहोद, जिला बलौदाबाजार भाटापारा शिक्षा - एम् ए ( हिंदी साहित्य, संस्कृत) डी एड लेखन- कविता, गीत, कहानी,लेख,

ताटंक छंद : मनखे हो के मनखे खातिर


मनखे हो के मनखे खातिर, मन मा धरे नहीं पीरा।
माटी के महिमा नइ जाने, गँवा दिए कइसे हीरा।

बिरथा तन के गरब करे अउ, मया प्रित ला जाने ।
रुपिया पइसा धन दौलत बर, हपटत हावय मनमाने।

अइसन धन ला घुन्ना खाथे, तन मा लग जाथे कीरा।
मनखे हो के मनखे खातिर, मन मा धरे नहीं पीरा।

जात धरम के खाँचा खन खन, काबर बोंवत हे काँटा।
निज स्वारथ मा चानी चानी, होगे मनखे के बाँटा।

अमरित राना मन पीथे अउ,  जहर इहाँ पीथे मीरा।
मनखे हो के मनखे खातिर, मन मा धरे नहीं पीरा।

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