मया मरम जानय नहीं, मया मया चिचियाय।
पल भर मा जर के सहीं, चढहे उतरे हाय। ।1।
काकर बर मैं राखहूँ, ये हिरदे सिपचाय।
बइरी होंगे हे मया, जीय ल मोर जलाय।2।
मया परे तन हा जरय, मन प्यासे मर जाय।
तन मन पैरावट सहीं, भितर भितर गुगवाय।3।
आँखी काजर आँज के, लाली ओठ रँगाय।
रूप सजा के मोहनी , बिजुरी मन म गिराय।4।
संगी रे तोर सुरता, जब जब मोला आय।
जिनगी बोझा कस लगे, सांस आय अउ जाय।।5।
कइसे होही का कहव , ये जिनगी हा पार।
डोंगा डगमग डोलथे, फसे बीच मजधार।6।
मन मिरगा संसार मा, भटकय खारे-खार।
मया करे ले ही कहूँ, मिलय मया नइ यार।7।
मथुरा प्रसाद वर्मा
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