इस दौर में भी, इस हाल में भी।
इस लड़खड़ाती चाल में भी।
लड़ना तो फिर भी पड़ता है,
घिर कर संकट काल में भी।
दिल में जब तक चिंगारी है।
एक जंग अभी तक जारी है।
बैरी है बलवान तो क्या?
छुपा हुआ पहचान तो क्या?
हतास नहीं, निराश नहीं,
मजबूर हुआ इन्सान तो क्या?
अभी हार कहाँ हमने माना,
क्या हुआ कि कुछ लाचारी है।
एक जंग अभी तक जारी है।
घुटनों पर हूँ, पर गिरा नहीं।
मुश्किल में हूँ, पर घिरा नहीं।
चल चल चल अभी चलना है,
हूँ दूर बहुत, पर फिरा नहीं।
मंजिल तक जाना है मुझको,
कोई बात नहीं दुस्वारी है।
एक जंग अभी तक जारी है।
है सांस जहां तक दौडूंगा।
उम्मीद नहीं मैं छोडूंगा।
जीवन है जीना ही होगा,
मैं डर कर मुँह न मोडूंगा।
कुछ लेना है कुछ देना है,
ले चुकाने दे जो उधारी है।
एक जंग अभी तक जारी है।
1 टिप्पणी:
जीवन है जीना ही होगा। जंग जारी रहे।
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