कोन तोला जानथे अउ मानथे कइसे।
जान जाबे देख हाका पारथे कइसे।
का हे मन मा जानना हे कब सुवारी के,
देख ले रोटी बनावत सानथे कइसे।
जे मया मा मार खाके भी डटे रहिथे,
वो मयारू ले मया मा हारथे कइसे।
घाव जादा अउ पिराथे जान जाए ले,
बान सँगवारी लुका के तानथे कइसे।
कोन बेटा के अयासी देख पाथे ये,
बाप दू पइसा कमा के लानथे कइसे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें