नैन सपना नवाँ बसावन दे।
टूटे मन ला बने सजावन दे।
घर जलय जल के राख हो जावय
गीत मोला मया के गावन दे।
तोर सुरता बहाना रोये के,
प्यास भड़के हे आज सावन दे।
होस मोला गिरे के बाद आथे,
पी के अब फेर लड़खडावन दे।
जेन आथे इहाँ ले चल देथे,
झर जहूँ रे महक के जावन दे।
याद करबे नवाँ नवाँ घर मा,
हाथ मा मेंहदी लगावन दे।
आज तो पेट भर के खावन दे।
मथुरा प्रसाद वर्मा एक क्रियाशील शिक्षक है साथ ही एक कवि और साहित्यकार है . छत्तीसगढ़ी भाषा साहित्य के
- मथुरा प्रसाद वर्मा 'प्रसाद'
- कोलिहा लवन , बलौदाबजार, छत्तीसगढ, India
- नाम- मथुरा प्रसाद वर्मा पिता- स्व. जती राम वर्मा माता- श्रीमती पितरबाई वर्मा जन्मतिथि- 22-06-1976 जन्मस्थान - ग्राम -कोलिहा, जिला-बलौदाबाजार (छ ग ) कार्य - शिक्षक शा पु मा शाला लहोद, जिला बलौदाबाजार भाटापारा शिक्षा - एम् ए ( हिंदी साहित्य, संस्कृत) डी एड लेखन- कविता, गीत, कहानी,लेख,
गजल : नैन सपना नवा बसावन दे।
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