तरिया पार म बइठ के
बाबा ह करे मुखारी।
आती जाती लोगन मन पूछय हाल।
आती जाती लोगन मन पूछय हाल।
अब नई पूछय कोनो कोनो ले
कहाँ जात हस
कब लहुटबे।
सबे झन
अपन अपन म बूड़े हे ।
पढ़े लिखें के इही सुभीता
कोनों ला कोनों ले
कोनों मतलब नई हे।
गाँव गाँव मा स्कुल खुलगे।
बड़े बिहिनिया लोग लइका
स्कूल जाथे।
स्कूल जाथे।
स्कूल मा अब लइका मन ला
सब मिल जाथे।
खाना /पीना ,
खाना /पीना ,
कापी पुस्तक
ओनहा कपड़ा ।
शौचालय घलो अब स्कूले मा बनगे
चकाचक ।
गुनत रइथे काका दाई हा
अब स्कूल मा लइका मन ला
कब शिक्षा मिलही
जिहा हमर लइका
थारी धर के पढ़े बर जाथे ।
जिहा हमर लइका
थारी धर के पढ़े बर जाथे ।
मथुरा प्रसाद वर्मा" प्रसाद'
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