जिनगी के दिन चार, बात ला मोरो सुन ले।
माया हे संसार, आज तँय एला गन ले।
जीयत भर के नाँव, तोर पल मा मिट जाही।
जोरे धन भरमार, काम नइ तोरो आही। 1।
माया हे संसार, आज तँय एला गन ले।
जीयत भर के नाँव, तोर पल मा मिट जाही।
जोरे धन भरमार, काम नइ तोरो आही। 1।
रीसा झन तँय आज, बात तोरे माने हँव।
लच्छा खिनवा हार, तोर बर लाने हँव।
तँय जिनगी मा मोर, मया रस घोरे हस।
सुख राखे परिवार, मोर ले गठजोरे हस।2।
लच्छा खिनवा हार, तोर बर लाने हँव।
तँय जिनगी मा मोर, मया रस घोरे हस।
सुख राखे परिवार, मोर ले गठजोरे हस।2।
भूखन लाँघन लोग, कभू झन कोनो सोवय।
बाँधे पथरा पेट, नहीं अब लइका रोवय।
दे दे सबला काम, सबो ला रोजी-रोटी।
किरपा कर भगवान, मिलय सब झन ल लँगोटी।3।
बाँधे पथरा पेट, नहीं अब लइका रोवय।
दे दे सबला काम, सबो ला रोजी-रोटी।
किरपा कर भगवान, मिलय सब झन ल लँगोटी।3।
नेता खेलय खेल, बजावै जनता ताली।
अब तिहार तो रोज, मनावै जनता खाली।
अब तिहार तो रोज, मनावै जनता खाली।
सस्ता चाउर-दार, पढावै हमला पट्टी।
ले लय सबला लूट, खोल के दारू भट्ठी।
ले लय सबला लूट, खोल के दारू भट्ठी।
काँटा बों के यार, फूल तँय कइसे पाबे।
अपन करम के भार, तहूँ हा इहें उठाबे।
पर पीरा बर रोय, मान वो जग मा पाथे।
उदिम करइया हाथ, भाग ला खुद सिरजाथे।
अपन करम के भार, तहूँ हा इहें उठाबे।
पर पीरा बर रोय, मान वो जग मा पाथे।
उदिम करइया हाथ, भाग ला खुद सिरजाथे।
मछरी काँटा मोर, घेच मा अइसे फँसगे।
आवय- जावय साँस , नहीं अब जउहर भइगे।
होगे आँखी लाल, लार मुँह ले चुचुवावय।
काबर खाये आज, सोच के मन पछतावय।
आवय- जावय साँस , नहीं अब जउहर भइगे।
होगे आँखी लाल, लार मुँह ले चुचुवावय।
काबर खाये आज, सोच के मन पछतावय।
जूता चप्पल मार, फेक के वो मनखे ला।
खन के गड्ढा पाट, चपक दे माटी ढेला।
काम करे न काज, रोज जे मार लबारी।
मनखे मनखे भेद, करे स्वारथ बर भारी।
खन के गड्ढा पाट, चपक दे माटी ढेला।
काम करे न काज, रोज जे मार लबारी।
मनखे मनखे भेद, करे स्वारथ बर भारी।
कहाँ रिहिस हे बात, करे के दारू बन्दी।
धान पान के भाव, घलो तँय मारे डंडी।
मिठलबरा तँय मार,लबारी मन भरमाये।
धान पान के भाव, घलो तँय मारे डंडी।
मिठलबरा तँय मार,लबारी मन भरमाये।
भूखन जनता देख, पेटभर कइसे खाये।
कइसे मरय किसान, कभू नइ सोंचे काबर।
लउठी धर के देख, फाँद के बइला नाँगर। गुंगवावत हे तोर , करम के गांजे खरही।
अब चुनाव हे आज, लबारी भारी परही।
अब चुनाव हे आज, लबारी भारी परही।
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