बिनती सुन ले मोर प्रभु, करबे तँय उद्धार जी।
पालनहारी जान के, आये हँव मँय द्वार जी।।
पालनहारी जान के, आये हँव मँय द्वार जी।।
नहीं नहीं कोई कहे, कोई दय दुत्कार रे।
माँग-माँग के जिंदगी, लगही बेड़ापार रे।।
माँग-माँग के जिंदगी, लगही बेड़ापार रे।।
सुन्दर तोरे सुन्दरी, रुप रंग अउ चाल वो।
माते हाँवव देख के, हो गे हँव कंगाल वो।।
माते हाँवव देख के, हो गे हँव कंगाल वो।।
मूरख तन के का गरब, बिरथा एखर प्रीत रे।
माटी माटी मा मिलय, इही जगत के रीत रे।।
माटी माटी मा मिलय, इही जगत के रीत रे।।
माटी हो गे हे इहाँ , बड़े-बड़े बलवान मन।
का संगी धन के गरब, माटी के इंसान मन।।
का संगी धन के गरब, माटी के इंसान मन।।
मनखे मनखे एक हे, छोट बड़े न होय जी।
माटी फल तोला दिही, जइसे बिजहा बोय जी।।
माटी फल तोला दिही, जइसे बिजहा बोय जी।।
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