सोभन छन्द
हौसला रख पार जाबे, हस घिरे मजधार।
दूर होही तोर बाधा, मान झन तँय हार।।
हे बिपत होना जरूरी, जिंदगी बर रोज।
बइठ के जाँगर जुड़ाथे, राह दउड़त खोज।।
दूर होही तोर बाधा, मान झन तँय हार।।
हे बिपत होना जरूरी, जिंदगी बर रोज।
बइठ के जाँगर जुड़ाथे, राह दउड़त खोज।।
मुड़ ऊँचा के तोर आथे, रोज एक सवाल।
सोचथव रे आज होही,जिन्दगी खुशहाल।।
नइ सिरावय ये लड़ाई, जिन्दगी भर मान।
जब तलक तँय नइ पठोबे, साँस ला समसान।।
सोचथव रे आज होही,जिन्दगी खुशहाल।।
नइ सिरावय ये लड़ाई, जिन्दगी भर मान।
जब तलक तँय नइ पठोबे, साँस ला समसान।।
साँझ होगे राह देखत, मोर गे थक नैन।
राख होगे जलजला के,मोर सुख अउ चैन।।
देख लेते मोर कोती, हाँस के इक बार।
तोर आशा मा खड़े मँय जिन्दगी भर यार।।
राख होगे जलजला के,मोर सुख अउ चैन।।
देख लेते मोर कोती, हाँस के इक बार।
तोर आशा मा खड़े मँय जिन्दगी भर यार।।
मोर मन चट्टान कस हे, मँय न माँनव हार।
नइ करँव मँय काम कोनो , काकरो मनमार।
मस्त मनमौजी हरँव जी, फेर
नइ करँव मँय काम कोनो , काकरो मनमार।
मस्त मनमौजी हरँव जी, फेर
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