सब जीव मन तडफत हवे, व्याकुल हवे संसार हा।
अब ताप मा तन मन जरय, आगी बरत हे खार हा।
तरिया सबे अब अउटगे, अउ खेत मन परिया परे।
तँय भेज दे अब नेवता, घन मेघ ला धरती तरे।
अब ताप मा तन मन जरय, आगी बरत हे खार हा।
तरिया सबे अब अउटगे, अउ खेत मन परिया परे।
तँय भेज दे अब नेवता, घन मेघ ला धरती तरे।
बरखा बने बरसे तभे, होही फसल हर धान के।
हम काम कर दे हन अपन, अब आसरा भगवान के।
नाँगर चले, जाँगर चले, बादर चले तब काम के।
सब खेत ला जोतत हवन, अब हम भरोसा राम के।
हम काम कर दे हन अपन, अब आसरा भगवान के।
नाँगर चले, जाँगर चले, बादर चले तब काम के।
सब खेत ला जोतत हवन, अब हम भरोसा राम के।
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