तँय डराके अब बिपत ले, बइठ झन मन मार के।
मुड़ नवा के काय जीबे, काय पाबे हार के।
आदमी के सामने का आदमी हा हारही।
जेन दे हे जिंदगानी , वो मुसीबत टारही।
मुड़ नवा के काय जीबे, काय पाबे हार के।
आदमी के सामने का आदमी हा हारही।
जेन दे हे जिंदगानी , वो मुसीबत टारही।
तोर बल है साथ तोरे, कर करम कर जोर के।
चल तहूँ बन के नदी कस, पाँव बाधा तोर के।
तोर हिम्मत के रहत ले, कोंन बल फुफकारही।
कोंन हे बलवान अतका , जेन तोला मारही।
चल तहूँ बन के नदी कस, पाँव बाधा तोर के।
तोर हिम्मत के रहत ले, कोंन बल फुफकारही।
कोंन हे बलवान अतका , जेन तोला मारही।
छाँव के तँय आस झन कर, घाम सब देही गला।
तोर तन के खर पछिना,नाप देही ताप ला।
हाथ मा थामे हथोड़ा, जेन कस के मारही।
देखबे पथरा घलो हा, मार खा चित्कारही।
तोर तन के खर पछिना,नाप देही ताप ला।
हाथ मा थामे हथोड़ा, जेन कस के मारही।
देखबे पथरा घलो हा, मार खा चित्कारही।
अब जुलुम के जोर नइ हे, कर बगावत जीत ले।
जोर के तँय खांद जुड़ जा, तोर साथी मीत ले।
डोल जाही रे सिहासन , गाँठ कतको पारही।
अब जुलमी के रियासत, मेहनत हर बारही।
जोर के तँय खांद जुड़ जा, तोर साथी मीत ले।
डोल जाही रे सिहासन , गाँठ कतको पारही।
अब जुलमी के रियासत, मेहनत हर बारही।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें