मथुरा प्रसाद वर्मा एक क्रियाशील शिक्षक है साथ ही एक कवि और साहित्यकार है . छत्तीसगढ़ी भाषा साहित्य के

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कोलिहा लवन , बलौदाबजार, छत्तीसगढ, India
नाम- मथुरा प्रसाद वर्मा पिता- स्व. जती राम वर्मा माता- श्रीमती पितरबाई वर्मा जन्मतिथि- 22-06-1976 जन्मस्थान - ग्राम -कोलिहा, जिला-बलौदाबाजार (छ ग ) कार्य - शिक्षक शा पु मा शाला लहोद, जिला बलौदाबाजार भाटापारा शिक्षा - एम् ए ( हिंदी साहित्य, संस्कृत) डी एड लेखन- कविता, गीत, कहानी,लेख,

छत्तीसगढ़ी गज़ल : रोज सुध कर के जेखर छाती जरे।

2122  2122  212

रोज सुध कर के जेकर छाती जरे।
नइ फिरय वो फेर अब बिनती करे।

कोन बन मा जा भटक गे राह ला 
रेंगना आइस जिखर अँगरी धरे।

तँय लगा बिरवा मया के चल दिये,
देख आ के वो कतिक फूले फरे ।

हे अँजोरी घर म तोरे नाँव ले, 
जोत अँगना मा बने रोजे बरे ।

जब गिरे के बाद कोनो थामथे
जान लेथव हाथ वो तोरे हरे।

मापनी 2122 2122 212 

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