करही सारी दुनिया ह घात काका।
बांटत गियान साँझ सबेरे।
अपन भीतर झाँकय नहीं।
पुछही तोर औकात कका।
बाँटत समाज करत विखण्डित।
सब स्वार्थ के खेल हरे जी,
मूर्खता हे जातपात कका।
सोजमतिहा नई पावय पानी।
सच गोठियाबे त झंझटिहा अस,
बदल गे अब हालात कका।
झन सरमा तँय यार गदहा रे।
तोरे सहीं संसार गदहा रे ।
नारियाये बर सबे नारियाथे
तही ह खाथस मार गदहा रे।
लड़ चुनाव मंत्री बन जाबे,
मिहनत हे बेकार गदहा रे।
पढहे लिखे मन करय मजूरी ,
सिस्टम हे बेकार गदहा रे।
का सासन अउ का परसासन ,
माते भ्रस्टाचार गदहा रे।
बड़े बड़े ल कोन सुधारय ,
संसद हे लाचार गदहा रे।
लगाये मुखउटा बाटय गियान,
तोरे रिस्तेदार गदहा रे ।
कतको चेला आघू पाछु,
रोज खड़े हे दुवार गदहा रे।
नियत म तोर वफादारी हे,
तभे खड़े लाचार गदहा रे।
तहुँ हा ऊँचा पदबी पाबे,
बन थोड़ा मक्कार गदहा रे।
कहे प्रसाद पुकार गदहा रे,
झन करबे कभू प्यार गदहा रे।
हो जाही कहूँ तोरो शादी
जिनगी तब बेकार गदहा रे।
झूठ लबारी मार झन।
भूल ककरो उपकार झन।
आह घलो हा लग जाथे
छानही ककरो ओदार झन।
तीर तार के डूबकैया आस ,
भरे तरिया के पार झन।
हिरदय के मोर हाल पूछ के,
जरे म अउ नून डार झन।
बोर दे चाहे पार लगा,
गठबंधन सरकार झन।
तरी तरी मसकत मलाई,
दीया ल अभी बार झन।
रखवार हे गोल्लर ह इहाँ के,
रइचर ल अभी तार झन।
परसाद जे कोनो सरन म आवे,
कभू ओला दुत्कार झन।
भाजपा नेता माननीय श्री सोहन पोटाईजी नेएक जन सभा को सम्बोधित करते हुए आउट सोर्सिंग के खिलाफ खुलकर अपनी बात रखी। उनके साहस को सलाम।
बात तो सही बोलेव , पोटाई जी ।
आप तो मुह खोलेव , पोटाई जी।
आउट सोर्सिंग के सच बोले हव।
सरकार।के नियत खोले हव।
छत्तीसगढ़िया मजबूर के कतका।
कसाई के हाथ म छेरी जतका।
पार्टी अनुशासन टोरेव फेर ,
माटी के संग होलेव पोटाई जी।
माटी के तै कर्जा चूका दे।
चट्टू मन के मुड़ ल झुक दे।
छत्तीसगढ़िया शेर दहाड़े।
कुनीति के जबड़ा फाडे।
देर करे फेर आखिर बोल े
भेद बड़े खोलेव , पोटाई जी।
जिए-खाये बर परदेश जाथन।
जांगर तोर हमें कामथन।
तभो ले नई हे हमर बनौती।
जिनगी हमर रोज।चुनौती।
चीख चीख के आज गली म
पीरा ल हमर रो लेव पोटाई जी ।
बाहिर के जब नेता मंत्री।
बाहिर के सब ऑफिसर सन्तरी।
का करही ये हमर उद्धार।
बैपारि ये करही बैपार ।
छत्तीसगढ़िया जोहर हे तोला
स्वाभिमान दिल म घोलेव , पोटाई जी।
मथुरा प्रसाद वर्मा प्रसाद
you tube में सुने साँस मोरे जब जुड़ावय, तोर अचरा पाँव। जब जनम लँव मँय दुबारा, तोर ममता छाँव। मोर दाई तोर बर हम , हाँस के दँन प्र...