झूठ लबारी मार झन।
भूल ककरो उपकार झन।
आह घलो हा लग जाथे
छानही ककरो ओदार झन।
तीर तार के डूबकैया आस ,
भरे तरिया के पार झन।
हिरदय के मोर हाल पूछ के,
जरे म अउ नून डार झन।
बोर दे चाहे पार लगा,
गठबंधन सरकार झन।
तरी तरी मसकत मलाई,
दीया ल अभी बार झन।
रखवार हे गोल्लर ह इहाँ के,
रइचर ल अभी तार झन।
परसाद जे कोनो सरन म आवे,
कभू ओला दुत्कार झन।
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