जीत उही ला मिलथे संगी,
भागत- दउडत गिर जाथे जी,
नई थके जेन हार के
चलव, रुकव झन,हार मान तुम ,
चलव, रुकव झन,हार मान तुम ,
मंजिल कहे पुकार के !
भागत- दउडत गिर जाथे जी,
बने-बने हा खसल के !
गिरे ले कौनो नइ गिर जाये,
जे उठ जाथे समहल के !
नानकुन चांटी चढ़ जाथे ;
नानकुन चांटी चढ़ जाथे ;
मुड मा पहाड़ के !
चलव, रुकव ................
गोंड मा पर के जे माटी ह,
चलव, रुकव ................
गोंड मा पर के जे माटी ह,
खूंदा-खूंदा के सनाथे !
एक दिन उही हड़िया बन,
एक दिन उही हड़िया बन,
मनखे के प्यास बुझाथे !
मांटी सही सहे ला परथे;
मांटी सही सहे ला परथे;
पीर ला संसार के !!
चलव, रुकव ................
अपन भूखन लांघन रही के ,
चलव, रुकव ................
अपन भूखन लांघन रही के ,
पर के पेट ला भरथे !
पईयां लागव मैं किसान के,
पईयां लागव मैं किसान के,
जे घाम, जाड सब सहिथे !
सूरज ले पहली उठ जाथे;
सूरज ले पहली उठ जाथे;
भिंसरहा मुन्धियार के !
चलव, रुकव ................
चलव, रुकव ................

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