आज तुम्हर राज के बीत गे जमाना !!
जाग गिस जनता तुम्हर नई हे ठिकाना !!
देखो-देखो नेताजी खिसलत हे कुरसी !
टोर के तिजोरी तुम्हर,भागत हे खजाना !!
बोतल के लालच म नई अब मिले वोट !
अब लेड़गा समारू घाले हो गे हे सियाना !!
मार के लबारी कब तक भूलवारे रहू हमला !
लबरा मन के अब नई चले बहाना !!
जनता के कमाई म मसकेव रसगुल्ला !
अब कहाँ पाहू तुमन एको ठन दाना !!
कुम्हकरनी नीद ला अब टोरेच ला परही !
कभू बाबा रामदेव ,कहू बन के आन्ना !!
जाग गिस जनता तुम्हर नई हे ठिकाना !!
देखो-देखो नेताजी खिसलत हे कुरसी !
टोर के तिजोरी तुम्हर,भागत हे खजाना !!
बोतल के लालच म नई अब मिले वोट !
अब लेड़गा समारू घाले हो गे हे सियाना !!
मार के लबारी कब तक भूलवारे रहू हमला !
लबरा मन के अब नई चले बहाना !!
जनता के कमाई म मसकेव रसगुल्ला !
अब कहाँ पाहू तुमन एको ठन दाना !!
कुम्हकरनी नीद ला अब टोरेच ला परही !
कभू बाबा रामदेव ,कहू बन के आन्ना !!
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