जबले नेता मन बइमान होगे रे ।
जनता के मरे बिहान होगे रे ।
जांगर ओथिहा मन के भाग लहुटगे
जनता के मरे बिहान होगे रे ।
जांगर ओथिहा मन के भाग लहुटगे
लापरह मन जम्मो धनमान होगे रे ।
कमइया मन के पेट जरत हे ,
अऊ भुखर्रा किसान हो गे रे ।
चोराहा, डाकू , अऊ ठग जग मन,
कैसे देश के सियान होगे रे .
पढ़े लिखे मन निचत ठगा गे
जकला भकवा सग्यान होगे रे।
मंदहा, गंजगा ,अऊ जुटहा मन सब
अब कुरसी माँ विराजमान होगे रे ।
राम किशन के नाम नंदा गे
कलयुग के इही मन भगवान होगे रे ।
जब ले हमर सरकार बेईमान हो गे रे ,
जनता के मरे बिहान होगे रे ।
कमइया मन के पेट जरत हे ,
अऊ भुखर्रा किसान हो गे रे ।
चोराहा, डाकू , अऊ ठग जग मन,
कैसे देश के सियान होगे रे .
पढ़े लिखे मन निचत ठगा गे
जकला भकवा सग्यान होगे रे।
मंदहा, गंजगा ,अऊ जुटहा मन सब
अब कुरसी माँ विराजमान होगे रे ।
राम किशन के नाम नंदा गे
कलयुग के इही मन भगवान होगे रे ।
जब ले हमर सरकार बेईमान हो गे रे ,
जनता के मरे बिहान होगे रे ।
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