मत माथ नवाँ पर के पग मा, डर के मुँह तोप झनी सँगवारी।
झन लालच मा परके लुलवा, पर के मत खा अब गा तँय गारी।
सिधवा बन के बइला बनके, तँय काज करे कतको बढ़ भारी।
झन लालच मा परके लुलवा, पर के मत खा अब गा तँय गारी।
सिधवा बन के बइला बनके, तँय काज करे कतको बढ़ भारी।
नइ हाथ उठा हक माँग सके, तब होवय तोर कहाँ चिनहारी।
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