1222 1222 1222 1222
न तोरो नाम के चर्चा, न मोरो काम के चर्चा।
दुनो झन बइठ के करबो, चलो अब घाम के चर्चा।
इहाँ तन कपकपावत हे, त भूर्री बार के बइठी,
रहन दे आज तो सँगी, रहीम अउ राम के चर्चा।
न तोरो नाम के चर्चा, न मोरो काम के चर्चा।
दुनो झन बइठ के करबो, चलो अब घाम के चर्चा।
इहाँ तन कपकपावत हे, त भूर्री बार के बइठी,
रहन दे आज तो सँगी, रहीम अउ राम के चर्चा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें