छप्पय =रोल+उल्लाला।
भ्रष्टाचारी आज, बेच के देश ल खावय।
सब होगे बइमान, कोन हा देश बचावय।
कव्वा कुकूर बाज, सहीं सब माँस चिथइया।
जनता रोवय रोज, कोन हे हमर बचइया ।
रखवारी कर देश के, नेता मन ले आज रे।
बेचत हे बइमान मन , महतारी के लाज रे ।
भ्रष्टाचारी आज, बेच के देश ल खावय।
सब होगे बइमान, कोन हा देश बचावय।
कव्वा कुकूर बाज, सहीं सब माँस चिथइया।
जनता रोवय रोज, कोन हे हमर बचइया ।
रखवारी कर देश के, नेता मन ले आज रे।
बेचत हे बइमान मन , महतारी के लाज रे ।
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