मनखे मन होत अलाल हवे, मन मा अब बाढ़त हे हदराही।
सरकार घलो जब बाँटत हे , जनता हर फोकट पा इतराही।
नइ काम करे बर जाँगर हे, अउ फोकट पा डट के सब खाही।
हम देख परे हन आलस मा, अब देश विकास ल कोन बढाही।
सरकार घलो जब बाँटत हे , जनता हर फोकट पा इतराही।
नइ काम करे बर जाँगर हे, अउ फोकट पा डट के सब खाही।
हम देख परे हन आलस मा, अब देश विकास ल कोन बढाही।
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