हे सरसती दाई महूँ , बिनती करव कर जोर के।
तोरे सरन मा आय हँव, मद मोह बँधना छोर के।
अज्ञान के बादर छटे, अउ पाँख ला आगास दे।
मँय हँव परेअँधियार मा,तँय ज्ञान के परकास दे।
माँ सारदा हे आसरा, देवी हरस वो ज्ञान के।
सत्मार्ग मा मँय चल सकव,रद्दा छुटय अज्ञान के।
लइका हरव मँय कमअकल ,नइ आय मोला साधना।
माथा नवा के मँय करँव ,तोरे चरण आराधना ।
तोरे सरन मा आय हँव, मद मोह बँधना छोर के।
अज्ञान के बादर छटे, अउ पाँख ला आगास दे।
मँय हँव परेअँधियार मा,तँय ज्ञान के परकास दे।
माँ सारदा हे आसरा, देवी हरस वो ज्ञान के।
सत्मार्ग मा मँय चल सकव,रद्दा छुटय अज्ञान के।
लइका हरव मँय कमअकल ,नइ आय मोला साधना।
माथा नवा के मँय करँव ,तोरे चरण आराधना ।
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